इसरो के स्क्रेजमजेट इंजन प्रौद्योगिकी प्रदर्शन का सफल उड़ान परीक्षण होम / अभिलेखागार / इसरो के स्क्रेजमजेट इंजन प्रौद्योगिकी प्रदर्शन का सफल उड़ान परीक्षण
अगस्त 28, 2016 वायु श्वसन नोदन प्रणाली का निर्माण करने की ओर इसरो के स्क्रेमजेट इंजन का प्रथम प्रयोगात्मक मिशन आज (28 अगस्त, 2016) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। 12 घंटों की सामान्य उल्टीगिनती के बाद, स्क्रेमजेट इंजन को ले जा रहे ठोस राकेट बूस्टर का उत्थापन 0600 बजे (पूर्वाह्न 6:00 बजे) भा.मा.स. पर हुआ। महत्वपूर्ण उड़ान घटनाएं, जैसे, बूस्टर राकेट चरण का प्रज्वलन, द्वितीय चरण ठोस राकेट का प्रज्वलन, 5 सेकेंड के लिए स्क्रेमजेट इंजन का क्रियाशील होना इसके बाद द्वितीय चरण का पूर्ण प्रत्वलन ठीक उसी प्रकार हुआ जैसा पूर्वनिर्धारित किया गया था। लगभग 300 सेकेंड की उड़ान के बाद, राकेट, श्रीहरिकोटा से तकरीबन 320 कि.मी. दूर बंगाल की खाड़ी में गिरा। राकेट की उड़ान के दौरान श्रीहरिकोटा स्थित भू केंद्रों से इसका अनुवर्तन सफलतापूर्वक किया गया। इस उड़ान के साथ, जटिल प्रौद्योगिकियों जैसे अतिध्वनिक गति पर वायु श्वसन इंजन का प्रज्वलन, अतिध्वनिक गति में भी इसे प्रज्वलित रखना, वायु अंतर्ग्रहण क्रियाविधि और ईंधन अंत:क्षेपण प्रणाली का भी प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया गया है। इसरो द्वारा डिजाइन किया गया स्क्रेमजेट इंजन ईंधन के रूप में हाइड्रोजन और ऑक्सीकारक के रूप में वायुमंडलीय वायु से ऑक्सीजन का उपयोग करता है। आज का परीक्षण 6 मार्च की अतिध्वनिक उड़ान सहित इसरो के स्क्रेमजेट इंजन का पहला लघु अवधि प्रयोगात्मक परीक्षण था। इसरो का उन्नत प्रौद्योगिकी राकेट (ए.टी.वी.), एक उन्नत परिज्ञापी राकेट है, यह ठोस राकेट बूस्टर था जिसका उपयोग स्क्रेमजेट इंजन के आज के परीक्षण में अतिध्वनिक स्थितियों में किया गया। ए.टी.वी. स्क्रेमजेट इंजन को ले गया जिसका उत्थापन भार 3277 कि.ग्रा. था। ए.टी.वी. दो चरण वाला प्रचक्रण स्थायी प्रमोचक है जिसमें प्रथम और साथ-ही-साथ द्वितीय चरण (बूस्टर और पोषित्र) के रूप में भी समरूप ठोस मोटर (रोहिणी आर.एच.560 परिज्ञापी राकेट पर आधारित) है। जुड़वा स्क्रेमजेट इंजन द्वितीय चरण के पीछे लगाए गए थे। एक बार जब द्वितीय चरण इंजन शुरू करने के लिए वांछित स्थिति तक पहुंच गया तब स्क्रेमजेट इंजन के प्रज्वलन के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू की गई और जो 5 सेकेंड के लिए क्रियाशील रही। आज के ए.टी.वी. उड़ान प्रचालन पूर्व-प्रोग्रामी अनुक्रम पर आधारित थे। स्क्रेमजेट इंजन के विकास के दौरान इसरो द्वारा कुछ तकनीकी चुनौतियों का सामना किया गया जिसमें अतिध्वनिक इंजन वायु अंतग्राही का डिजाइन एवं विकास, अतिध्वनिक दहन तंत्र, अति उच्च ताप रोधी पदार्थों का विकास, अतिध्वनिक प्रवाह को अनुरूप बनाने हेतु अभिकलनी उपकरण, उड़ान गति के विस्तृत परास में इंजन का निष्पादन एवं क्रियाशीलता सुनिश्चित करना, इंजनों का उचित ताप प्रबंधन और भू परीक्षण शामिल हैं। भारत, स्क्रेमजेट इंजन के उड़ान परीक्षण का प्रदर्शन करने वाला चौथा देश है। इसरो द्वारा उड़ान में वायु श्वसन स्क्रेमजेट इंजन का सफल प्रोद्योगिकी प्रदर्शन, इसरो की भावी अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली के लिए इंजनों सहित उन्नत वायु श्वसन इंजन के डिजाइन और विकास के इसके प्रयास में एक साधारण परंतु फिर भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।